पहली सैलरी पालकोट टीम के शुभांकन द्वारा रचित एक भाव युक्त लेख है जिसमें लेखक ने प्रदान संस्था में कार्य करते हुए गाँव के एक घर में अपने विलेज़ स्टे के दिनों का स्मरण किया है। यह लेख शहर से आए हुए एक युवक, गाँव के ग्रामीणों के साथ उसका जुड़ाव और उन ग्रामीणों की मासूमियत का एक सुंदर चित्रण है। प्रस्तुत विवरण के माध्यम से लेखक ने गाँव में व्यतीत किऐ सुख-दुःख के क्षणों एवं उसकी ख़ुशी के लिए समर्पित ग्रामीणों के प्रयासों को अपनी प्रदान की पहली कमाई के चश्मे से दर्शाने का प्रयत्न किया है।