Date: April 6, 2020
मदद करने के लिए खुद बड़ा होना जरूरी नहीं, बस दिल बड़ा होना चाहिए यह बात सही साबित की है ग्राम करौली ग्राम पंचायत साल्हेधोरी की महिलाओं एवं उनके परिवारों ने। विकासखंड समनापुर जिला डिंडोरी के अंतर्गत आने वाला यह आदिवासी बाहुल्य गांव कुरेली है जहाँ 65 आदिवासी परिवार रहते है । विदित है कि कोरोना महामारी कि रोकथाम हेतु किए गए लॉक डाउन से रोजाना मजदूरी करने वाले परिवारों की आजीविका प्रभावित हुई है जिसमें मदद पहुंचाने हेतु प्रशासन एवं गैर शासकीय संस्थाओं द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं । किंतु इन प्रयासों का इंतजार ना करते हुए ग्राम कुरैली के महिला स्व सहायता समूह सदस्यों ने अगुवाई करते हुए अपने-अपने परिवारों से राशन इकट्ठा कर, अपने गांव के गरीब परिवारों को दिया।
“एक घर में चूल्हा जले और दूसरे घर में ना जले यह तो ठीक नहीं है। हमारा गांव तभी खुश रहेगा जब उसमें रहने वाला हर परिवार खुश हो। आज हम उनकी मदद करेंगे तो कल वह भी हमारी मदद कर सकते हैं ऐसा कहना है गांव के ग्राम संगठन की सदस्य चंद्र कली एवं जानकी बाई का।
इतनी विषम परिस्थितियों में जब पढ़े-लिखे लोग भी सरकार के बार बार मना करने पर भी जरूरी चीजों की जमाखोरी में लगे हैं जिससे बाकी लोगों को दिक्कतें हो रही हैं. इनकी इतनी सकारात्मकता एवं सदभाव ने मेरा मन मोह लिया। इन महिलाओं एवं उनके परिवारों को मेरा सलाम। इनको देख ऐसा लगता है कि हमारा भारत इन गांवों में आज भी जिंदा है। ❤️
Team:PRADAN Samnapur Madhya Pradesh
Krishna Tiwari