आज सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में युवाओं के लिए उचित रोजगार एक बड़ी समस्या बन चुका है| इस समय भारत में 17 करोड़ कुशल एवं अकुशल लोग बेरोजगार हैं| उसपर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence-A.I.) जैसी आधुनिक तकनीक का बढ़ता उपयोग इस समस्या को और भी गंभीर बना रहा है| कोरोना महामारी के कारण देश के उद्योग-धंधों पर बुरा प्रभाव पड़ा है और देश के बड़े-बड़े संस्थानों के युवाओं को मिले नौकरियों के प्रस्ताव वापिस लिए जा रहे हैं| ऐसे में नए रोजगार मिलना तो दूर, लोगों की वर्तमान नौकरियाँ भी खतरे में हैंI
ग्रामीण क्षेत्रों, विशेषकर आदिवासी इलाकों में, रोजगार की समस्या बदतर है| मजदूरी एवं पलायन जीवन यापन का प्रमुख श्रोत बनकर रह गए हैं| उनके पास कौशल-प्रशिक्षण और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अवसर भी बहुत सीमित हैं, जिससे उनकी रोजगार पाने की क्षमता एवं योग्यता और भी क्षीण हो जाती है| उन पर यह प्रभाव पीढ़ी दर पीढ़ी बना रहता है|
Anurudh Kumar Shastri