ये कहानी है उस लड़की की, जो मध्य प्रदेश के छोटे से गांव में मोटर मैकेनिक का काम करती है. मोटर, गाड़ी बाइक, मैकेनिक, ये शब्द सुनते ही मन में सहज ही किसी पुरुष का ख्याल आता है. मोटर मैकेनिक से तो हर किसी का पाला पड़ता है, लेकिन कितनी बार कितने लोगों की गाड़ी किसी महिला मोटर मैकेनिक ने ठीक की. ये ऐसी बात नहीं, जो रोजमर्रा की जिंदगी में दिखाई और सुनाई देती हो.
लेकिन 26 साल की इंद्रावती वरकाडे गांव में रहती हैं. माता-पिता मजदूरी करते हैं. वो साइंस ग्रेजुएट हैं और मोटर मैकेनिक का काम करती हैं.
इंद्रावती का जन्म मध्यप्रदेश के मंडला जिले के एक छोटे से गांव में हुआ. माता-पिता मजदूरी करते थे. घर में एक बड़ा भाई था, जिसके साथ इंद्रावती का गहरा लगाव था. भाई को बाइक और मशीनों से प्यार था. पता ही नहीं चला कि कब भाई के साथ रहते-रहते इंद्रावती का भी मशीनों के साथ एक रिश्ता जुड़ गया.