मैकेनिक. बाइक मैकेनिक. ये शब्द आते ही आपको पुरुष मैकेनिक ही नजर आता होगा. मोहल्ले का मैकेनिक. किसी हाईवे बाईपास का मैकेनिक. लेकिन, एक लड़की जिसे उसके भाई ने बाइक चलाना सिखाया. बाइक के हर पार्ट्स से परिचय कराया. उसी भाई के निधन के बाद वह भाई के ही काम को अपना काम बना ली. इस बाइक मैकेनिक के काम की लोग तारीफ करते हैं और इलाके में वह अपने काम से काफी फेमस हैं.
इंद्रावती वरकाडे मध्य प्रदेश के मांडला जिले से हैं. वह जब छोटी थीं तो उनका भाई मनोज उन्हें गाड़ी पर घुमाता था. वह गाड़ी का काफी शौकीन था तो उसके जरिए इंद्रावती गाड़ियों के करीब आ गईं. लेकिन, एक रोड एक्सीडेंट में मनोज की मौत हो गई. भाई की मौत के बाद इंद्रावती के ऊपर परिवार की जिम्मेदारी आ गई. माता-पिता मजदूर हैं और घर में छोटा भाई. ऐसे में इंद्रावती ने कुछ करने का निर्णय लिया.
इंद्रावती ने साइंस सब्जेक्ट के साथ बैचलर की डिग्री हासिल की. वह गांव की कुछ चुनींदा लड़कियों में है, जिन्होंने साइंस के साथ पढ़ाई की. उनका इस सब्जेक्ट में मन भी लगता था और वह टेक्नो सेवी भी शुरू से रही है. खासतौर पर भाई की वजह से उनकी गाड़ियों में काफी दिलचस्पी भी रही है. भाई की मौत के बाद उससे उबरने में उन्हें 4 साल से ज्यादा का समय लग गया.
राघवेन्द्र मिश्रा