खूंटी: तोरपा के हुसिर और दियांकेल पंचायत के कई गांवों में बड़े पैमाने पर मनरेगा के माध्यम से आम बागवानी की गई है। आम्रपाली, मलिका और दशहरी आम की मिठास ने असम के लोगों को तोरपा खींच लाया।
असम की सेस्टा (SESTA) संस्था द्वारा झारखण्ड में तीन दिवसीय एक्स्पोजर विजिट किया गया।
यहां आम बागवानी, सोलर संचालित लिफ्ट इरिगेशन, टीसीबी, इंटेग्रेटेड फार्मिंग, ऑर्गेनिक फार्मिंग और वाटरशेड मैनेजमेंट का बेहतर नमूना ग्रामीणों ने धरातल पर उतारा है।
बारिश के पानी को जगह जगह पनसोख्ता बनाकर रिचार्ज भी किया जा रहा है। इससे आसपास की भूमि में नमी बरकरार रहती है और किसान साग सब्जियों की खेती अन्य मौसम में भी करते हैं।