प्रमिला देवी ने कृषि क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं के लिए अवसरों को बढ़ाने के लिए उन्हें वित्तीय साक्षरता, कृषि विज्ञान में प्रशिक्षण और पारिवार के स्तर पर पोषण प्रदान किया है। इस तरह उन्होंने ग्रामीण महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों का समग्र रूप से समाधान किया है। रानी देवी ने बेहतर यील्ड और उत्पादन के तरीके अपनाने और समग्र वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने में अनेक महिला किसानों की मदद की।
प्रमिला देवी और रानी देवी कोई हाई प्रोफाइल नाम नहीं हैं। वे बिहार के नवादा जिले की गुमनाम बस्तियों से आती हैं। लेकिन, अंतर्राष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस (15 अक्टूबर) के अवसर पर इन महिला किसानों की सफलता की कहानियां यह दर्शाती हैं कि महिलाएं किस तरह सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन में सक्रिय होकर भाग ले रही हैं। वे कृषि गतिविधियों का अभिन्न अंग हैं। सस्टेनेबल यानी टिकाऊ कृषि सुनिश्चित करने में उनकी भूमिका अनिवार्य है।
ग्रामीण महिलाएं रोजमर्रा की घरेलू जरूरतें पूरी करने के लिए विविध प्राकृतिक संसाधनों का एकीकृत प्रबंधन करने के साथ उनके प्रयोग के लिए भी जिम्मेदार हैं। कृषि खाद्य सुरक्षा का आधार है, इसके बावजूद सीमित प्रशिक्षण, अपर्याप्त तकनीकी जानकारी और वित्त तक पहुंच न होने के कारण महिलाओं को इस क्षेत्र में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे पुरुष किसानों की तुलना में महिलाओं के लिए कृषि उत्पादकता की दर कम हो गई है।
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