पश्चिम बंगाल में बांकुड़ा जिले में ज्यादातर एक फसल वाला क्षेत्र है जहां किसान खरीफ सीजन के दौरान धान पर निर्भर हैं। समुद्र जैसी लहरों वाली इस जगह की खासियत इसकी भौगलिक स्थिति ही है। यहां सालभर में 1,200-1,400 मिलीमीटर की बारिश दर्ज की जाती है और यह क्षेत्र कृषि-जलवायु क्षेत्र VII के अंतर्गत आता है। जलवायु परिस्थितियों और प्राकृतिक संसाधनों में कम निवेश के चलते किसान सिर्फ पारंपरिक फसलों की खेती पर निर्भर हैं।
हालांकि पिछले दो सालों से, जिले के दो ब्लॉकों - पांच ग्राम पंचायतों के हिरबंध और सात ग्राम पंचायतों वाले इंदपुर में कुछ किसान तरबूज की खेती करने में लगे हैं और भारी मुनाफा कमा रहे हैं।
दरअसल यहां एक महिला आधारित और महिलाओं के नेतृत्व वाली किसान उत्पादक कंपनी, दलमदल फॉर्मर प्रोड्युसर कंपनी लिमिटेड की भी शुरुआत की गई, जो उपज की मार्केटिंग और इन तरबूज किसानों के नेटवर्क को और मजबूत करने में मदद कर रही है।