यहां आम बागवानी, सोलर संचालित लिफ्ट इरिगेशन, टीसीबी, इंटेग्रेटेड फार्मिंग, ऑर्गेनिक फार्मिंग और वाटरशेड मैनेजमेंट का बेहतर नमूना ग्रामीणों ने धरातल पर उतारा है।
बारिश के पानी को जगह जगह पनसोख्ता बनाकर रिचार्ज भी किया जा रहा है। इससे आसपास की भूमि में नमी बरकरार रहती है और किसान साग सब्जियों की खेती अन्य मौसम में भी करते हैं।
विजिट का मुख्य उद्देश्य झारखण्ड में मनरेगा के कार्यों को समझना एवं यहाँ किस प्रकार से विभिन्न हितधारक मिलकर कार्य करते हैं उसकी जानकारी हासिल करना था।